रविवार, 21 जनवरी 2018

इंटरनेट पोर्नोग्राफी के इतिहास की कहानी


करीब एक हफ्ते पहले खबर आई थी कि अमेरिका के एक प्रांत में गलती से मिसाइल हमले का अलर्ट जारी हो गया है। कोरिया के साथ अमेरिका की तनातनी चल ही रही है। बाद में लोगों को पता चला कि वह फर्जी था, लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि मिसाइल हमले के अलार्म बजने की घटना को झूठे होने की घोषणा के बाद अमेरिका के उस राज्य में इंटरनेट पर पोर्न देखने वालों की संख्या मेंं भारी इजाफा दर्ज किया गया। यह मनोविज्ञानियों के अध्ययन का विषय हो सकता है।
 
ऐसा ही एक वाकया कल मेरे साथ हुआ मैंने लंदन में रहने वाले अपने एक मित्र को वाट्स एप पर नमस्कार भेजा तो बदले में उसने सुबह-सुबह एक महिला और पुरुष की अंतरंगता की वीडियो भेज दी। उसकी शरारत पर मुझे विस्मय कम हंसी ज्यादा आई। हालांकि अश्लील मैसेज भेजना आइटी एक्ट के मुताबिक गैर जमानती अपराध है। मित्र के नाते प्यार के साथ क्षमा किया और नादानी के लिए ढेर सारा प्रेम। सच बोलूं तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं। इंटरनेट चालने वाला हर व्यक्ति उस दुनिया से वाकिफ है।
 
इंटरनेट पोर्नोग्राफी डिजिटल वर्ल्ड की हकीकत है। कभी-कभी वेबसाइट कुछ खोल रहे होते हैं लेकिन उसके साथ आने वाले पोप अप सीधे ऐसे लोक में पहुंचा देते हैं जहां अभिव्यक्ति का चरम है। या ऐसे कहे जहां खुला चर्म है। यहां वेब वर्ल्ड वाइड की हकीकत की एक ऐसी ही रिसर्च स्टडी लिंक से साथ दी गई है।
भारत सरकार को पोर्नोंग्राफी पर रोक लगाने के लिए तकनीकी व कानूनी उपाय करने चाहिए। हालांकि यह बहुत कठिन नहीं है। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ स्टैप लिए गए थे, लेकिन तथाकथित बुद्धिजीवियों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नेट स्वतंत्रता के खिलाफ बताकर प्रदर्शन किए थे। सच्चाई यह कि इंटरनेट प्रदान करने वाली टेलीकॉम कंपनियों की सबसे बड़ी कमाई इसी के जरिए होती है। पोर्न इंडस्ट्री का रेवन्यू भारत के वॉलीवुड और हॉलीवुड से भी अधिक है। कुछ पोर्नस्टार की कमाई भारत की टॉप एक्ट्रेस से भी ज्यादा है।
 
रोचक बात यह है कि इंटरनेट पर अश्लीलता परोसने का काम सबसे पहले नासा से निकाले गए एक कम्प्युटर साइंस इंजीनियर ने शुरू किया था। कहानी यह कि वह चरस और कोकीन का आदी था जिसके कारण कम्प्युटर साइंस का वह इंजीनियर नासा में दिए कामों को ढंग से नहीं कर पाता था। एक दिन तो हद हो गई जब वह कोकीन लेकर एस्ट्रोनोट्स को भारहीनता की ट्रेंनिंग देने वाले चैम्बर में घुस गया और उत्पात मचाने लगा। यह उसके लिेए नासा में अंतिम दिन था। नौकरी चली गई बेरोजगार हो गए, लेकिन दिमाग ने खुरापत नहीं छोड़ी।
 
उस इंजीनियर के साथ एक मित्र भी रहता जो नशा करने में उसका भी बाप था। उसने फायर्ड कप्यूटर साइंस इंजीनियर के साथ मिलकर एक साइट बनायी और उस पर अश्लील मैंगजीनों की कटिंग स्कैन करके डालनी शुरु कर दी। इसके एवज में वह लोगों से चेक के जरिए पैमेट करने की मांग करते थे। बहुत कम लोग थे जो उनको चेक से पैमेट भेजते थे। इसके लिए उन्होंने एक उपाय खोजा वेबसाइट पर लॉगिन सिस्टम डेवलप किया। अब चेक आने पर वे एक यूनिक आइडी और पासवर्ड उस व्यक्ति के पास भेजते थे। हालांकि घरेलू लोग इस प्रकार का पत्राचार करने में डरते थे, क्योंकि इससे उनके पतियों या पत्नियों या बच्चों को इंटरनेट पर अश्लील सामग्री देखने का पता चल सकता था। बच्चों के मामले भी ऐसा ही था। ऐसे ही कारणों से उन दोनों को अश्लीलता के इस ऑनलाइन स्टार्ट अप से बहुत कम इनकम हो रही थी या ऐसा कहें कि उनकी कोकीन का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा था। ऐसे में दोनों ने मिलकर कुछ उपाय निकालने की योजना बनाई जिससे अश्लीलता के जरिए मोटी कमाई की जा सके। एक दिन कप्यूटर साइंस इंजीनियर के दिमाग में एक उपाय आया और उसने क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करने की कोडिंग कर दी। चौकने वाली बात यह है आज कि दुनिया भर के ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड पेमेंट सिस्टम में उसी कप्यूटर इंजीनियर की कोडिंग का इस्तेमाल किया जाता है। कोडिंग का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही सप्ताह में दोनों की इंटरनेट अश्लीलता के जरिये हजारों डॉलर प्रतिदिन की कमायी होने लगी। 

उन्होंने इस अनोखे स्टार्ट अप को प्रोफेशनल तरीके से चलाने का विचार किया। इसके लिए सबसे पहले यह चाहिए था कि उन्हें पता होना चाहिए कि उनके दर्शक किस प्रकार का कंटेंट देखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कम्प्यूटर में प्रोग्राम सेट कर दिया जो दर्शक की रूचि के अनुसार हिट के प्रकार बताता था। इसके बाद उनके खुराफाती दिमाग ने सोचा कि स्थिर चित्रों के अलावा यदि इस पर वीडियो बनाकर डाली जाएं तो लोग ज्यादा पसंद करेंगे। इसके लिए उन्होंने अमेरिका में ब्रोथल चलाने वाले एक रसियन माफिया से संपर्क किया और उसको बिजनेस पार्टनर बना लिया। इस जुगलबंदी का यह नतीजा हुआ कि इंटरनेट पर अश्लीलता के जरिए उनकी कमाई प्रतिदिन लाखों डॉलरों में होने लगी। ब्रोथल में काम करेने वाली वेश्याओं की भी कमाई दस-बीस गुना हो गई। अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के मुताबिक उन दोनों ने अश्लीलता के इस कारोबर से करीब 10 बिलियन (10 billion)  डॉलर की कमाई की। रुपये में करीब सत्तर हजार करोड़। यानी टाटा-अंबानी के आस पास। इससे अन्य लोगों ने भी आइडिया लिया और अलग काम शुरू कर दिए और शुरू हुई दुनिया भर में अश्लील क्रांति। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों ने उसे कानूनी मान्यता भी दे दी।  
अफगानिस्तान वार में दर्जनों आतंकवादी तो इसी अश्लील वेबसाइटों के कारण मारे गए, ऐसा अमेरिका की खुफिया एजेंसी का कहना है। अमेरिका खुफिया एजेंसी ने एक पोर्नस्टार को इसके लिए मोहरा बनाया। आतंकवादियों के मनोविज्ञान की स्टडी की। अमेरिकी एजेंसी के अनुसार आतंकवाद या हिंसा की गतिविधियों से जुड़े हुए लोगों को खास प्रकार की पोर्न फिल्में पसंद आती हैं, जिसमें महिला पर अत्याचार किया जा रहा हो, या आर्मी कॉस्ट्यूम का प्रयोग किया गया हो, रफ, हार्डकोर, लेस्बियन आदि। अमेरिका खुफिया एजेंसी अफगानिस्तान व पाकिस्तान के आतंकियों के कम्प्यूटरों में अश्लील साइटों और वीडियोंज के लिंक्स भेजे। आतंकियों ने उन लिंक्स को अपने आतंकी साथियों के साथ शेयर किया, जिससे उनके पूरे नेटवर्क में घुसा जा सका। उनकी जासूसी आसन हो सकी। लोकेशन्स पर मिसाइल हमले किए गए। यानी कहा जा सकता है कि अश्लीलता ने आतंक की लड़ाई में अमेरिका की मदद की।
   
चलिए अब बस करते हैं..... साथ ही वैधानिक चेतावनी है कि इस कहानी से कोई प्रेरणा न ले केवल यह सूचना के लिए है। कहानी सच्ची है, हालांकि हम इसका दावा नहीं करते हैं।

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आशीष