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शनिवार, 14 नवंबर 2020

उत्तरकाशी हरसिल और धराली के सेब बागान विल्सन ने लगाए थे

सत्य घटना - 1

विल्सन एक अंग्रेज़ अधिकारी था। उत्तराखंड प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री के पास हर्षिल और धराली गांव हैं। ये गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा देश के सर्वश्रेष्ठ सेब उत्पादन के लिए भी जाने जाते हैं। हरसिल और धराली में सेबों के बागान विल्सन के प्रयासों से लगाए गए थे। विल्सन के 3 पुत्र हुए। तीनों पुत्र पिता के विपरीत दुर्व्यवहार करने वाले, स्थानीय लोगों को परेशान करने वाले थे। एक बार उनकी हरकतों से परेशान होकर एक संत ने उनको शाप दे दिया कि आपका  वंश आगे नहीं बढ़ेगा। विल्सन के तीनों पुत्र पागल हो गए और मृत्यु को प्राप्त हुए। विल्सन का समूल वंश नाश को प्राप्त हुआ।
ईश्वरी कृपा और पूर्व जन्मों के पुण्य फलित होने पर प्राप्त हुई शक्ति का जो व्यक्ति गलत प्रयोग करता है, वह दुर्गति के साथ अपने वंश का विनाश करता है।
चाणक्य ने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में लिखा है जो  व्यक्ति भ्रष्टता के जरिए धन कमाता है, तीन पीढ़ियों में वंश का पतन करते हुए समाप्त हो जाता है। जो व्यक्ति पुण्य और धर्म का आचरण करते हुए धन कमाता है, उसका धन भी 7 पीढ़ियों से अधिक नहीं चलता है। इसलिए धन का उपार्जन धर्म के साथ ही करना चाहिए, जो कि आवश्यक भी है।
अकबर के वंशज आज आगरा और दिल्ली के लाल किला के सामने ढेलियां लगाते हैं। यह समय की हकीकत है। जो कि प्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में है।
हिमालय स्वयं में देव स्वरूप और चेतन है। वह जागृत है। पवित्र भावना के साथ हिमालय में शरण लेने वाला साधक भी सहज रूप से जागृत हो जाता है। आज भी तमाम साधक और तपस्वी इस क्षेत्र में निवास करते हैं।