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सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

फारूक अब्दुल्ला देश से माफी मांगे : आशीष कुमार


12 अक्टूबर 2020


फारूक अब्दुल्ला देश से माफी मांगे :  आशीष कुमार
आशीष कुमार, भाजपाा प्रवक्त

भाजपा जिला अलीगढ़ के प्रवक्ता आशीष कुमार ने फारुख अब्दुल्ला द्वारा चीन के समर्थन में दिए गए बयान की कड़ी निंदा करते हुए उनके बयान को देश विरोधी बताया। फारूक अब्दुल्ला ने हाल में बयान दिया था कि चीन की मदद से वे जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35 ए बहाल करेंगे। फारूक अब्दुल्ला के बयान पर पलटवार करते हुए जिला प्रवक्ता आशीष कुमार ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला खाते भारत देश का है लेकिन पैरोकारी चीन और पाकिस्तान की करते हैं। उनका बयान संविधान और देश के खिलाफ है। फारूक अब्दुल्ला के देश विरोधी बयानों को पूरा देश सुन रहा है। सुविधाएं देश से पाते हैं और समर्थन चीन को देते हैं। फारूक अब्दुल्ला को दिए गए बयान पर देश से माफी मांगनी चाहिए। 
आशीष कुमार ने आगे कहा कि फारूक अब्दुल्ला अलगाववादियों की भाषा बोल रहे हैं। पाकिस्तान और चीन के एजेंट बनकर देश में काम कर रहे हैं। उनको याद रखना चाहिए कि यह मोदी की सरकार है, किसी भी प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों को नहीं होने दिया जाएगा। उनको इस समय केवल गिलगित और बालटिस्तान पर बात करनी चाहिए। हमें मोदी की सरकार पर पूरा भरोसा है जल्दी ही अक्साई चीन और पीओके भारत के हिस्से होंगे। उन्हें पाकिस्तान और चीन से कहना चाहिए कि वे भारत की भूमि को खाली करें। पूरी दुनिया में कोरोना फैलाने वाला चीन जमीन खोर बन गया है। चीन के कारण साउथ एशिया और साउथ चाइना सी में अराजकता का माहौल बना हुआ है। पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री है, पूरी दुनिया के सामने कटोरा फैलाकर भीख मांगता है और उस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ाने के लिए करता है। यदि पाकिस्तान या चीन देश की संप्रभुता का सम्मान नहीं करेंगे तो उन्हें भारतीय सेनाओं द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा। इस बात को दोनों देश भलीभांति जानते हैं। एलओसी और एलएसी पर उड़ान भरते राफेल, चिनूक और अपाचे पाकिस्तान और चीन की सेना में खौफ पैदा कर रहे हैं। भारतीय सेना गद्दारों और दुश्मनों को सबक सिखाने में पूरी तरह सक्षम है। भारत की शक्ति का लोहा पूरी दुनिया मांग रही है। मोदी के नेतृत्व में देश मजबूत हो रहा है। अब किसी देश विरोधी में इतनी शक्ति नहीं कि वह कश्मीर में दोबारा 370 लागू करवा सके।

आशीष कुमार
जिला प्रवक्ता
भाजपा, अलीगढ़।



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मंगलवार, 30 जनवरी 2018

विनोबा भावे आश्रम, पवनार, वर्धा

गौतम बजाज, इन्होंने करीब तीस साल विनोबा भावे के साथ गुजारे। आज विनोबा भावे के पवनार आश्रम के प्रमुख हैं। 






विनोबा भावे का समाधि स्थल
पवनार आश्रम की मार्गदर्शिका देवी, इन्होंने भी एक लंबा समय विनोवा भावे के साथ गुजारा।


रविवार, 28 जनवरी 2018

डॉ. बीआर अंबेडकर की दीक्षा भूमि



दीक्षाभूमि देश के मध्य में स्थित महाराष्ट्र उपराजधानी नागपुर में स्थित है। डा. भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को महास्थविर चंद्रमणी से बौद्ध में दीक्षित हुए थे। उनके साथ 5 लाख से अधिक लोगों ने भी बौद्ध धर्म अपना लिया था। पंचशील, त्रिशरण और अपनी 22 प्रतिज्ञाएं देकर अंबेडकर ने हिंदू दलितों को धर्मपरिवर्तन किया। प्रत्येक वर्ष 14 अक्टूबर को यहां दलितों का धर्म परिर्वतन कर बौद्ध बनाया जाता है।















डा. अंबेडकर की बहुत सी बातें ठीक हो सकती हैं। उनका बौध्द धर्म अपनाना उनका व्यक्तिगत विषय है। लेकिन अपनी 22 प्रतिज्ञायों में हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं का अपमान करना कैसे ठीक ठहराया जा सकता है। बौध्द धर्म की उत्पत्ति का कारण हिन्दू धर्म की बुराइयों को माना जाता है। लेकिन महात्मा बुध्द ने बुराइयों पर हमला बोला न कि धर्म के देवी-देवता या धर्म पर। यहां अंबेडकर साहब ने धर्म की बुराइयों पर हमला न बोलकर धर्म पर ही हमला बोल दिया है। दीक्षा भूमि पर उनकी 22 प्रतिज्ञायों को एक काले रंग के खड़े शिलालेख पर उकेरा गया है, जोकि पहली लाइन से ही हिन्दू-देवताओं का अपमान करती हैं, उनकी प्रतिज्ञाएं 1 अरब लोगों के भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या शिलालेख की भाषा भारत के संविधान के अंतर्गत सही मानी जा सकती है, जोकि सभी व्यक्तिओं और धर्म की भावनाओं के सम्मान की बात कहता है।












सांई, कबीर, मदर टेरेसा सभी लोग अन्य धर्मों में जन्में लेकिन इन्होंने समाज में व्यापत बुराइयों के खिलाफ हमला बोला और मानवता की सेवा। इन्होंने हिन्दू धर्म की बुराइयों को ढूंढ-ढूंढकर उनकी आलोचना की समाज को सुधार के लिए खड़ा, लेकिन धर्म पर कोई हमला नहीं बोला। आज हिन्दू धर्म इन्हें पूजता है। सवाल यहीं से उठता है कि अंबेडकर साहब ने अपनी 22 प्रतिज्ञायों में हिन्दू धर्म की बुराइयों के खिलाफ न बोलकर धर्म के खिलाफ ही बोल दिया है।