बैंक के खिलाफ शिकायत
कैसे करें बैंक के खिलाफ शिकायत ?
बैंक में शिकायत तीन तरीकों से की जा सकती है।
शिकायत सेल के ज़रिए- हर बैक में एक शिकायत सेल (grievances cell) होता है। आप इस
सेल में जाकर अफसरों के सामने अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
टोल फ्री नंबर पर शिकायत- आप अपने बैंक के टॉल फ्री नंबर पर
भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ज़्यादातर राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास अपने टॉल फ्री
नंबर हैं। शिकायत दर्ज़ कराने के बाद शिकायत का नंबर (कंप्लेन्ट नंबर) ज़रूर लें, ताकि अगली बार
बैंक से इस शिकायत के बारे में बात करते वक्त आपको सारी बात दोहराना ना पड़े, बल्कि इस नंबर से
सारा मामला बैंक के कॉल सेंटर में बैठे एक्ज़ीक्यूटिव को समझ में आ जाए।
बैंक की वेबसाइट पर शिकायत- आप बैंक की वेबसाइट पर भी अपनी
शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऐसा करने पर बैंक के अधिकारी आपसे संपर्क करेंगे। शिकायत
करने के तीस दिन के भीतर बैंक आपको जवाब देगा और समस्या का हल भी बताएगा।
बैंक नहीं सुने तो लोकपाल से शिकायत करें
लोकपाल से शिकायत क्यों करें - अगर आपका बैंक 30 दिन के भीतर
आपकी शिकायत नहीं सुनता, तो आप बैंक के
लोकपाल से संपर्क करें। ये लोकपाल भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से नियुक्त किए गए
अफसर हैं, जो बैंक के खिलाफ
की गई ग्राहकों की समस्या को हल करने का कार्य करते हैं। भारत में 15 लोकपाल हैं
जिनके संपर्क नंबर और पते आप रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
लोकपाल आपकी शिकायत के 30 दिनों के भीतर
कार्रवाई करेंगे। वो आपके (यानी ग्राहक के) और बैंक के बीच कानूनी तौर पर बाध्य
समझौता कराने की कोशिश करेंगे।
लोकपाल से शिकायत का तरीका - आप सादे कागज़ पर अपनी शिकायत
लिखकर उस लोकपाल के दफ़्तर में अपनी शिकायत दर्ज कराएं, जिसके क्षेत्र के
अंतर्गत आपके बैंक की ब्रांच आती है। आप रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर भी जाकर भी
अपने क्षेत्र के लोकपाल को शिकायत भेज सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक की लोकपाल से शिकायत – अक्सर क्रेडिट
कार्ड का कारोबार करने वाले बैंकों का सारा रिकॉर्ड और सिस्टम सेंट्रलाइज़्ड होता
है। ऐसे में आपका घर का पता जिस लोकपाल के क्षेत्र के अंतर्गत आता है, उसके द़फ्तर में
या उसके ईमेल पते पर शिकायत दर्ज करें
अगर लोकपाल आपकी शिकायत खारिज़ कर दे तो क्या?
लोकपाल बैंक के खिलाफ आपकी शिकायत इन आधार पर खारिज कर सकता
है
अगर ग्राहक ने पहले बैंक में शिकायत ना दर्ज की हो।
बैंक को जिस समयसीमा में ग्राहक की शिकायत का समधान करना है, वो समयसीमा
समाप्त ना हुई हो।
ग्राहक ने किसी और जगह जैसे अदालत, या उपभोक्ता फोरम
में पहले ही शिकायत दर्ज कर दी हो।
अगर बैंक में शिकायत दर्ज किए हुए एक साल से ज़्यादा समय
बीत चुका हो।
लोकपाल के समझौते से सहमत ना होने पर क्या करे
मुआवजे की सीमा है 10 लाख रुपये या फिर असल नुकसान, दोनों में से जो
भी कम हो। यानी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में जाकर आप ज़्यादा से ज़्यादा 10 लाख रुपये का
मुआवजा ही पा सकते हैं।
अगर आप लोकपाल के समझौते से भी खुश ना हों, तो आप बैंक के
खिलाफ ये कदम उठा सकते हैं।
पहला कदम- आप रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर से 30 दिन के भीतर
संपर्क कर सकते हैं।
दूसरा कदम- आप उपभोक्ता फोरम में संपर्क कर सकते हैं, जो बैंक से जुड़ी
शिकायत लेता है।
तीसरा कदम- आप बैंक के खिलाफ़ अदालत में जा सकते हैं।