सोमवार, 30 नवंबर 2020
रविवार, 29 नवंबर 2020
गुरुवार, 26 नवंबर 2020
मंगलवार, 24 नवंबर 2020
रविवार, 22 नवंबर 2020
महाराष्ट्र में जाट समाज के लोग
महम चौबीसी से तो हम सभी परिचित हैं, ये जाटों के 24 गाँवों की खाप है जिसमें सह-जातियाँ भी सम्मिलित होती हैं। लेकिन जाट बाईसी का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा । जाट बाईसी पूरी ऐतिहासिक घटना पर आधारित है। बम्बई से 180 कि. मी. दूर महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले की मालेगांव तहसील में जाटों के इकट्ठे छोटे-छोटे 22 गाँव हैं।
पानीपत की तीसरी लड़ाई में पेशवा ब्राह्मण व मराठे लगभग 4 हजार परिवार अपने साथ लाये थे। जब लड़ाई में इनकी हार हुई तो कुछ परिवार मारे गये और बचे-खुचे परिवारों ने भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल के राज क्षेत्र व किलों में पनहा ली थी। महाराजा सूरजमल ने कड़कती सर्दी (जनवरी 1761) में इनको पूरे अतिथि सत्कार के तहत घायलों आदि की देखभाल की तथा इन परिवारों को इनके घरो तक सकुशल पहुंचाने के लिए अपनी सेना के रोहतक व हिसार जिले के जाट सिपाही साथ भेजे जो उन्हें बड़ी इज्जत और सम्मान के साथ वहाँ उनके घरों तक ले गये, जो उस समय किसी भी कल्पना से परे था।
महाराजा सूरजमल और रानी किशोरी की शानदार मेहमानबाजी तथा इन हरियाणवी सिपाहियों की जिन्दादिली इंसानियत पर मराठा समाज कायल हो गया और इस समाज ने ऐसे नेक सिपाहियों, जिनकी शादियां नहीं हुई थी, को अपनी बेटियां देकर अपनी जम़ीन पर बसाने का फैसला लिया। समय अपनी गति से चलता रहा और आज लगभग 250 वर्ष बाद इनके 22 गाँव आबाद हो गये जो आज किसानी करके अपना निर्वाह करते हैं। इनके साथ भी वही हुआ जो आन्ध्रप्रदेश के गोलकुण्डा किले के विजेताओं के साथ हुआ या हो रहा है। क्या विश्व के इतिहास में ऐसा कोई दूसरा भी उदाहरण हैं? महाराजा सूरजमल की आलोचना करनेवालों के मुंह पर यह एक तमाचा है।
यहाँ के तोखड़ा गाँव में फिल्म अभिनेता व नेता धर्मेन्द्र जी ने अपनी माता सन्तकौर देवी के नाम हाई स्कूल बनवाया है। धर्मेन्द्र जी ने मुम्बई महानगर में पहली बार जाट सभा व जाट भवन की स्थापना की जिस पर जाट जाति को गर्व होना चाहिए।
इन जाटों के गोत्र हैं - मान, जाखड़, सिहाग, सहरावत, दहिया, बिजानियां, झिंझर, नीमड़िया, रांगी, रंधावा ,पूनिया, गिल, बैनीवाल और सांगवान (70 परिवार) आदि, इस जाट बाईसी के वर्तमान में चौ. धनसिंह सहरावत प्रधान हैं जिनका पता हैं:- गाँव - नारादाना, डाकखाना - कलवाड़ी, तहसील - मालेगांव जिला नासिक (महाराष्ट्र राज्य) ( जय जाट वंशावली
शुक्रवार, 20 नवंबर 2020
एमएलसी शिक्षक और स्नातक चुनाव से संबंधित बैठक
स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर पाली और अतरौली पर भाजपा संगठन की बैठक आयोजित की गई। दोनों बैठकों में अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषिपाल सिंह ने की। पाली में दादों, जिरौली और बिजौली मंडल की बैठक आयोजित की गई। अतरौली में अतरौली देहात, अतरौली नगर, जिरौली मंडल की बैठक आयोजित की गई। अतरौली बैठक में बोलते हुए जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक मतदाताओं को बूथ तक लेकर आना है। मोदी और योगी सरकार के विकास कार्यों के आधार पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करना है। बैठक में सांसद राजू भैया, हरिशंकर गौर, सत्या सिंह, धर्मेंद्र चौधरी, डॉ गोपाल महेश्वरी, उमेश राघव, गौरव शर्मा, जिला मीडिया प्रभारी आशीष कुमार, संतोष गुप्ता, पुष्पेंद्र सिंह, चोब सिंह, संजू यादव, रिंकू यादव आदि मौजूद रहे।
गुरुवार, 19 नवंबर 2020
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने की एमएलसी चुनाव की समीक्षा बैठक
प्रेस विज्ञप्ति
19 नवंबर 2020
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की एमएलसी चुनाव की तैयारियों समीक्षा
अलीगढ़। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव से संबंधित ब्रज क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक आगरा में ली। अलीगढ़ से जिला अध्यक्ष और एमएलसी चुनाव के प्रभारियों को बृहस्पतिवार को आगरा बुलाया गया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव की तैयारियों से संबंधित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी प्रभारी पदाधिकारीयों को योजनाबद्ध तरीके से संगठन की कुशलता का प्रयोग करते हुए चुनाव में विजय सुनिश्चित करनी है। स्नातक और शिक्षक मतदाताओं से मिलकर मोदी योगी की योजनाओं के बारे में अवगत कराएं। भाजपा की सरकारें है, देश के विकास के लिए दिन-रात कार्य कर रही हैं। प्रदेश में संगठन के बल पर सभी बीजेपी के प्रत्याशी भारी बहुमत से विजयी होंगे। भाजपा सभी 11 खंडों को जीतकर क्लीन स्वीप करेगी।
अलीगढ़ जनपद की एमएलसी चुनाव से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करते हुए, उन्होंने अलीगढ़ भाजपा संगठन की प्रशंसा करते हुए अब तक के कार्य को बहुत ही संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह के नेतृत्व में भाजपा संगठन स्नातक प्रत्याशी मानवेंद्र प्रताप सिंह और शिक्षक प्रत्याशी दिनेश वशिष्ठ को अलीगढ़ से भारी बहुमत दिलाकर आगरा खंड से विजई बनाएंगे।
अलीगढ़ से आगरा पहुंचे पदाधिकारियों में हरिशंकर गॉड, सत्या सिंह, शिवनारायण शर्मा, धर्मेंद्र चौधरी अन्नू आजाद, राकेश सिंह, हरेंद्र कालू, अवध सिंह बघेल, बबलू सिंह आदि सम्मिलित रहे।
आशीष कुमार
जिला मीडिया प्रभारी
भाजपा अलीगढ़।
'ट्रू इंडोलॉजी' का अकाउंट सस्पेंड करना सनातन पर हमला
प्रकाशन हेतु
19 नवंबर 2020
'ट्रू इंडोलॉजी' का अकाउंट सस्पेंड करना सनातन पर हमला
भाजपा जिला प्रवक्ता आशीष कुमार ने ट्रू एंड्रोलॉजी का समर्थन करते हुए कहा कि यह अकाउंट सनातन धर्म के ऐतिहासिक तथ्यों को वैज्ञानिक तरीके से सबके समक्ष रख रहा था। ट्विटर को माफी मांग कर ट्रू इंडोलॉजी अकाउंट को बहाल करना चाहिए। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी सनातन धर्म के समर्थन और सनातनियों को धर्म के प्रति जागरूक करने वाले लोगों के यूट्यूब और ट्विटर पर अकाउंट ब्लॉक किए जाते रहे हैं। ट्विटर पर देश विरोधी और देश की संप्रभुता और अखंडता को चोट पहुंचाने वाले अकाउंट चलते रहते हैं। उनके खिलाफ टि्वटर या यूट्यूब स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं? इस मामले में केंद्र की भाजपा सरकार भी कई बार आपत्ति जता चुकी है। और आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रही है। अभी हाल में ही भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के नक्शे को टि्वटर द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत करने के कारण संज्ञान लिया गया है।
ट्रू इंडोलॉजी ट्विटर पर ऐसा अकाउंट था, जो हिंदू धर्म के विरुद्ध वामपंथियों द्वारा चलाए जा रहे षडयंत्रों को तथ्यों के साथ उजागर करता रहता था। ट्रू इंडोलॉजी इतिहास की किताबों में वामपंथी इतिहासकारों द्वारा भारत के वैदिक इतिहास के संबंध में जो भ्रामक और गलत चीजें दी गई थी, उनके खिलाफ भी अनुसंधान परक तथ्यों के साथ अभियान चला रखा था।
बताया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार में कार्यरत एक महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट पर यह कहे जाने पर कि भारतीय वैदिक साहित्य में कहीं भी पटाखों या बारूद का जिक्र नहीं है। इसके विरोध में ट्रू इंडोलॉजी ने स्कंद पुराण और आनंद रामायण का संदर्भ देते हुए प्रमाण के साथ बताया कि भारतीय पौराणिक साहित्य में बारूद का जिक्र किया गया है। जबकि वामपंथी इतिहासकारों ने अब तक यही बताया है कि वह बारूद का अविष्कार कुछ सौ साल पहले चीन द्वारा किया गया था।
प्रवक्ता आशीष कुमार कहते हैं कि वामपंथी लोगों की यही खासियत है, जब उनकी सच्चाई उजागर होने लगती है तो वे तर्क से हटकर दूसरों के खिलाफ षड्यंत्र करने लगते हैं। इसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता कि एक वेरीफाइड टि्वटर अकाउंट के द्वारा महिला आईपीएस अधिकारी ट्रू इंडोलॉजी अकाउंट के बारे में लिखतीं है कि तुम्हारा समय खत्म। और उसके कुछ मिनट बाद ट्रू इंडोलॉजी ट्विटर अकाउंट को टि्वटर इंडिया ब्लॉक कर देता है। टि्वटर इंडिया का आफिस और सर्वर बेंगलुरु में ही स्थित हैं।
आशीष कुमार ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि टि्वटर इंडिया द्वारा ट्रू इंडोलॉजी के अकाउंट को सस्पेंड करना अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है। साथ ही उस अकाउंट द्वारा कुछ भी ऐसा नहीं लिखा गया है जो भारत के संविधान और कानून का उल्लंघन करता हो। तथ्यों और संदर्भों के साथ कहीं गई बात पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। ट्विटर को इस मामले में सफाई देनी चाहिए और ट्रूइंडोलॉजी से माफी मांग कर उसके अकाउंट को बहाल करना होगा। साथ ही उस वेरीफाइड अकाउंट को चलाने वाले व्यक्ति की भी जांच होनी चाहिए जिसके कहने पर ट्रू इंडोलॉजी के अकाउंट को सस्पेंड किया गया है। साथ ही इन संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों की जांच होनी चाहिए जो देश विरोधी और अखंडता संप्रभुता को चोट पहुंचाने यूट्यूब चैनलों और अकाउंटों को प्रोत्साहित करते रहते हैं।
बुधवार, 18 नवंबर 2020
लाला लाजपत राय के इस्लाम के बारे में विचार
17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय का निधन हुआ था । 17 नवंबर उनकी पुण्यतिथि है । शत शत नमन और श्रद्धांजलि ।
लाला लाजपत राय ने देशबंधु चितरंजन दास को एक चिट्ठी लिखी थी । इस चिट्ठी का जिक्र भीम राव अंबेडकर ने अपनी किताब "पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन" में किया है । (फोटो उन्हीं की किताब से ली गई है)
कुरान और हदीस को पढ़ने के बाद चिंता से ग्रस्त होकर लाल लाजपत राय ने चिट्ठी में लिखा... कि अगर मान भी लिया जाए कि कोई मुसलमान बहुत सज्जन हो तो भी क्या वो कुरान और हदीस की निषेधाज्ञा के खिलाफ जाएगा ? जिसमें काफिरों को कत्ल वाजिब ए जायज और भारत को दारुल इस्लाम बनाने की बात कही गई है।
उस चिट्ठी में लाला लाजपत राय लिखते हैं...
“एक बात ओर मुझे बहुत दिनों से कष्ट दे रही है जिसे मैं चाहता हूँ कि आप बहुत ध्यान से सोचें और वो है हिंदू-मुस्लिम एकता । मैंने पिछले 6 महीने में अपना अधिकांश समय मुस्लिम इतिहास और मुस्लिम कानून को पढ़ने में लगाया है और मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि यह ना तो संभव है और ना ही व्यवहारिक है । हकीम अजमल खां साहब से बेहतर कोई मुसलमान हिंदुस्तान में नहीं है लेकिन क्या कोई अन्य मुस्लिम नेता कुरान के खिलाफ जा सकता है । मैं तो केवल यही सोचता हूँ कि इस्लामिक कानून के बारे में मेरा ज्ञान सही नहीं है और ऐसा ही सोचकर मुझे राहत मिलती है । मुझे आशंका ये है कि हिंदुस्तान के 7 करोड़ मुसलमान और अफ़ग़ानिस्तान, मध्य एशिया, अरब और मेसोपोटामिया और तुर्की के हथियारबंद गिरोह मिलकर अप्रत्याशित स्थिति पैदा कर देंगे । मैं मुस्लिम नेताओं पर भी पूरी तरह से विश्वास करने को तैयार हूँ लेकिन कुरान और हदीस की निषेधाज्ञा की मेरे पास कोई काट नहीं है ।”
(पूरी चिट्ठी अटैच की हुई तस्वीर में पढ़ सकते हैं)
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