शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

चीन कर सकता है 2014 तक भारत पर हमला


भारतीय रक्षा विशेषज्ञों की यह आशंका सच भी साबित हो सकती है। चीन ने इसके संकेत दिए हैं। एक बड़ी ताकत बनते भारत और अमेरिका के साथ उसकी नजदीकियां चीन को परेशान कर रही हैं। यही वजह है कि चीन भारत पर आने वाले तीन सालों में सीधा हमला कर सकता है।
भारतीय सेना और रक्षा से जुड़े विशेषज्ञ इस बात की आशंका जताते रहे हैं कि 2014 में चीन भारत पर हमला कर सकता है। भारतीय जानकारों की आशंका की पुष्टि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की पत्रिका 'कीशी' के ताज़ा संस्करण में छपे लेख ने कर दी है। लेख में भारत के साथ सीमा विवाद को निपटाने और शांति स्थापित करने के लिए जंग की वकालत की गई है।
भारतीय सेना और रक्षा पर आधारित पत्रिका 'इंडियन मिलिट्री रिव्यू' (आईएमआर) में छपे एक लेख में भारतीय सेना के मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने दावा किया है कि भारत की बढ़ती आर्थिक हैसियत और अमेरिका से नजदीकी इस जंग की वजह बनेगा। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीन के इस संभावित हमले में अमेरिका दखल नहीं देगा क्योंकि इराक में लड़ी गई जंग में अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचा था और अफगानिस्तान में भी उसकी फौज को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वह एक और जंग में कूदने की हिम्मत नहीं दिखाएगा। मतलब साफ है कि अब भारत और चीन के बीच सीधी जंग की आशंका बढ़ती जा रही है। जीडी बख्शी का कहना है कि चीन से संभावित युद्ध में ऑपरेशन का केंद्र जम्मू-कश्मीर होगा, जहां पूर्व और पश्चिमी छोर पर पाकिस्तान के साथ मिलकर हमला किया जा सकता है। 
इंडियन मिलिट्री रिव्यू के संपादक मेजर जनरल (रिटायर्ड) आर.के. अरोड़ा का कहना है कि चीन की सेना पीएलए तिब्बत में अपना ढांचा विकसित कर रहा है, जो भारत के लिए चिंता की वजह है। अरोड़ा का कहना है, 'लगातार बढ़ते रेल नेटवर्क, सड़कों का जाल, तेल पाइपलाइन और ब्रह्मपुत्र (चीन में सांगपो कहते हैं) नदी के दक्षिण में रणनीतिक तौर पर एक बड़े बेस की स्थापना करके चीन बहुत कम समय में ही आक्रामक अभियान छेड़ सकता है। ऐसी तैयारी का सामना करना हमारा लिए बहुत मुश्किल होगा।'      
चीन के विशेषज्ञ आरके अरोड़ा का कहना है कि 1962 को दोहराना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि हमारी तैयारी पहले से बहुत बेहतर है। लेकिन अगर चीन और भारत के बीच हथियारों का फर्क बढ़ेगा तो हमारी सेना को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

जंग ही रास्‍ता
'कीशी' ने अपने ताज़ा लेख में शांति स्थापित करने और सीमा विवाद सुलझाने के लिए जंग को ही अंतिम रास्ता बताया है। इसके मुताबिक आधुनिक चीन के इतिहास में (1949 से) कभी भी घुटने टेकने से शांति नहीं आई है, यह सिर्फ जंग के जरिए आई है। पत्रिका के मुताबिक राष्ट्रीय हितों की हिफाजत सिर्फ बातचीत से नहीं, बल्कि लड़ाई से होती है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लंबे से करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर की लंबाई में फैली सीमा को लेकर विवाद होता रहा है।
कीशी के लेख में यह भी लिखा है कि अमेरिका भारत समेत उसके कई पडो़सी देशों के साथ मिलकर उसे घेर रहा है। इसमें अमेरिका पर 'एंटी चाइना एलायंस' बनाने का आरोप लगाया गया है। चीन की विदेश नीति पर बेबाक राय देने के लिए जानी जाने वाली 'कीशी' ने चीन की आर्थिक हैसियत के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सात कदम उठाने की रणनीति का सुझाव दिया है ताकि दक्षिण एशिया में अमेरिका के बढ़ते असर को कम किया जा सके। इसमें साफ कहा गया है कि  अमेरिका से मिल रही चुनौती के जवाब में चीन को तैयार होना चाहिए।
कम्युनिस्ट पत्रिका में कहा गया है कि अमेरिका चीन के पड़ोसी देशों-जापान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, कोरिया और भारत के साथ मिलकर उसके खिलाफ मोर्चा खोल चुका है। कीशी पत्रिका के मुताबिक इन देशों का या तो चीन के साथ युद्ध हो चुका है या हितों को लेकर टकराव रहा है।

खतरनाक इरादे
भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीन द्वारा उठाए जा रहे कुछ कदमों से उसके खतरनाक इरादे जाहिर हो जाते हैं। इनमें तिब्बत में रणनीतिक रूप से अहम विकास के काम में तेजी, चीन की आने-जाने की क्षमता में बढ़ोतरी, कराकोरम हाई वे का चौड़ा किया जाना, गिलगिट में चीनी सैनिकों की तैनाती और गिलगिट की पहाड़ियों में गुफाएं और सुरंगों का निर्माण ताकि वहां डोंग फेंग 21 डी लड़ाकू विमान की तैनाती हो सके। तिब्बत में लड़ने के लिए सैन्य अभ्यास में तेजी जैसे कदम शामिल हैं।

थंडर ड्रैगन 2014
भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीन 'थंडर ड्रैगन 2014' नाम के ऑपरेशन की योजना बना रहा है। इसमें पाकिस्तान के साथ मिलकर वह भारत पर दोतरफा हमला करेगा। जानकारों के मुताबिक इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान की सेना 'पीपल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) तिब्बत के लोखा इलाके में आक्रामक सैन्य अभ्यास करेगी ताकि भारतीयों को धोखे में रखा जाए। इसके साथ ही मुंबई पर २००८ में हुए हमले की तर्ज पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों द्वारा हमला किया जाएगा। इस ऑपरेशन के ब्लू प्रिंट के मुताबिक आम भारतीयों में उपजे गुस्से की वजह से भारत पाक के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के जरिए हमला करेगी, जिसके बाद पाकिस्तान भारत के प्रमुख शहरों पर जवाबी हमले करेगा। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय स्तर पर सैन्य हमलों के बीच हालात गंभीर होते ही सूबे के मैदानी इलाकों में सैनिकों को उतारा जाएगा। उधर, पीएलए तिब्बत में अपने रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को सक्रिय कर देगी।  ऑपरेशन 'थंडर ड्रैगन 2014' के मुताबिक पाकिस्तान के खिलाफ भारत के हमले के तीन हफ्तों के भीतर चीन की सेना लद्दाख में अपना अभियान शुरू कर देगी।

ज़्यादा ताकतवर है चीन 
चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी फौज है। इसके बाद भारत का नंबर आता है। चीन ने हाल ही में अमेरिका की टक्कर के आधुनिक हथियार और लड़ाकू विमान विकसित करने के दावे किए हैं। परमाणु हथियारों की तुलना में भी वह भारत से कहीं आगे है। एक अनुमान के मुताबिक चीन के पास करीब १९० परमाणु बम हैं।

तेजी से हथियार जुटा रहा है पाकिस्तान
अमेरिका के मशहूर अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' में पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में परमाणु हथियारों का जखीरा दोगुना कर लिया है अब इनकी संख्या 100 पार कर चुकी है। पाकिस्तान ने यूरेनियम और प्लूटोनियम उत्पादन में खासी तेजी लाते हुए नए परमाणु हथियार विकसित किए हैं। 'वॉशिंगटन पोस्ट' ने गैर सरकारी जानकारों के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।  
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान के प्रमुख डेविड अलब्राइट के मुताबिक पाकिस्तान हथियारों के लिए यूरेनियम दो स्थानों पर तैयार कर रहा है। इस्लामाबाद ने प्लूटोनियम का उत्पादन भी काफी बढ़ा दिया है, जिसकी मदद से वह हल्के लेकिन उतनी ही मारक क्षमता के परमाणु बनाने में सक्षम है। पाकिस्तान ने हाल ही में नई मिसाइल, शाहीन-2 विकसित की है, जिसकी मारक क्षमता 1500 मील है। इसे वह जल्दी ही तैनात करने वाला है। वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार कई सालों तक भारत और पाकिस्तान परमाणु क्षमता में लगभग बराबर थे, लेकिन अब पाकिस्तान निश्चित ही आगे निकल गया है। बताया जाता है कि भारत के पास करीब 50 से 70 परमाणु हथियार हैं। भारत की नीति परमाणु ताकत बढ़ाने के बजाय परमाणु ऊर्जा का इस्‍तेमाल जनता के हितों के लिए करने की है।

1962
की जंग
चीन-भारत के बीच 1962 में हुई जंग के बाद चीन ने कश्मीर का हिस्सा रहे अक्साई चिन के इलाके पर कब्जा कर लिया। इस लड़ाई से चीन और पाकिस्तान नजदीक आए। दोस्ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान ने गिलगिट बालटिस्तान के 2200 वर्ग मील के  इलाके को चीन को सौंप दिया था।   
 
आशीष कुमार 

आतंकवाद के कारण व समाधान


PLZ READ THIS IN ENGLISH; CLICK HERE
आज पूरी दुनि‍या आतंक के साये में जीने को मजबूर है। समाचार पत्र चरमपंथ और उग्रवाद से संबंधित घटनाओं से भरे रहते हैं।  तथाकथित जिहाद के नाम पर अपनी बात को मनवाने का यह कैसा तरीका है, जिसमें आदमी जान लेने और देने पर तुल हुआ  है! उन्माद का यह कैसा रूप है जहां मानव स्वेच्छा से आत्मघाती बम के रूप में परिवर्तित होकर अपने ही साथियों की जान केवल इस लिए लेना चाहता है कि वे उसके चिंतन के अनुरूप कार्य नहीं करते हैं!  मौजूद लेख में उन सभी कारणों को खोजने और मनोवैज्ञानिक विश्‍लेषण करने का प्रयास किया गया है, जो मनुष्य को आतंक के रास्ते पर ढकेलने के लिए जिम्‍मेदार हैं

आतंकवाद के लिए जिम्‍मेदार पहलू
झुँझलाहट और क्रोध – 
 आतंकवाद के मूल में क्रोध की अतिशयता ही रहती है। जब हमारे मन के मुताबिक व्यवहार हमें नहीं मिलता तो हमें झुँझलाहट होती है। सामान्यतः ऐसा सबके साथ ही होता है और समय के साथ यह झुँझलाहट समाप्त हो जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस स्थिति से नहीं निकल पाते। क्रोध और झुँझलाहट उनके मन में इकट्ठे होते रहते हैं। धीरे-धीरे वे एक किस्म के मानसिक रोग का शिकार हो जाते हैं। क्रोध की अग्नि इतनी तीव्र हो जाती है कि वे हर बात का समाधान हिंसा और बल-प्रयोग से ही कर लेना चाहते हैं। अनेक असामाजिक एवं अवांछित तत्व उनकी इसी कमज़ोरी का लाभ उठा कर उन्हें आतंकवाद के दलदल में घसीट लेते हैं
सामाजिक परिवेश का मन पर असर
 कभी-कभी हमें सार्वजनिक रूप से अपमान अथवा अन्यायपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता है। गाँधीजी को दक्षिण अफ़्रीका में ऐसी ही परिस्थितियों का सामना अनेक बार करना पडा़ था। उन्होंने तो ऐसी विपरीत परिस्थितियों � @�ें भी �ीरज नहीं खोया। लेकिन हर आदमी गाँधीजी के समान उच्च आदर्श नही प्रस्तुत कर सकता। बहुत से लोग विपरीत एवं अपमानजनक सामाजिक परिस्थितियों में घुटने टेक देते हैं। ऐसी परिस्थितियों के निराकरण के लिए वे हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। दस्यु-बाला फूलनदेवी के जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं कि वह डाकू बन बैठी। भारत में नक्सलवाद भी इसी प्रकार का उदाहरण है।
महत्वाकांक्षा –   
  आज हर आदमी एक ही क्षण में करोड़पति बन जाना चाहता है। बिना परिश्रम के सफलता नहीं मिलती। यह बात आधुनिक समय में अधिक महत्व नहीं रखती। जब हम देखते हैं कि अमुक व्यक्ति को किसी फ़िल्म में काम करने का अवसर मिला और वह रातों-रात सड़क से महल में पहुंच गया, तब हम में से कुछ इस बात को पचा नहीं पाते। वे सोचते हैं कि यह अवसर उन्हें भी तो मिल सकता था! पैसों और संसाधनों का असमान वितरण, अवसरों का सबके लिए उपलब्ध न होना आदि त्थय अनेक लोगों को अवांछित गतिविधियों में लिप्त कर देने के लिए पर्याप्त होते हैं। ऐसे लोग आरंभ में शीघ्रता से धन कमाने के लिए अपहरण, जबरन वसूली जैसे गैरकानूनी धंधों का सहारा लेते हैं। धीरे-धीरे ऐसे लोग किसी आतंकवादी संगठन का सहारा लेकर अपनी शक्ति को और अधिक बढा़ने का प्रयत्न करते हैं। डी० कंपनी के लिए काम करने वाले अनेक लोग इसी श्रेणी में आते हैं। यही महत्वाकांक्षा कभी-कभी राजणैतिक रंग भी ले लेती है। महत्वाकांक्षी व्यक्तियों एवं संगठनों को ऊंचे-ऊंचे सपने दिखा कर राजनीति से जुडे़ लोग उनसे अनेक अवांछित कार्य करवाने का प्रयत्न करते हैं। इस प्रकार ऐसे लोगों को राजनैतिक संरक्षण मिल जाता है और उनकी शक्ति में व्रिद्धि होती रहती है। महत्वाकांक्षा का नशा बहुत शक्तिशाली होता है। इस नशे के आदी मनुष्य राजसत्ता पर भी कब्जा करना चाहते हैं। इसके लिए वे हथियारों की तस्करी, नशे का कारोबार तथा राजनेताओं को अपनी ओर करने का प्रयत्न करते रहते हैं। अपनी शक्ति में वृद्धि करने के लिए वे मानसिक स्तर पर कमज़ोर लोगों की तलाश में रहते हैं। जहां उन्हें ऐसे लोग दिखाई देते हैं, वे तुरंत उन्हें अपने जाल में फँसा लेते हैं।
महत्वाकांक्षा का राजसी रूप  
जो असिमित महत्वाकांक्षा मनुष्यों में होती है, और उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर ले जाती है, वही कभी-कभी सरकारों में भी देखी जाती है। अपने राज्य की उन्नति और पडो़सी राज्य की अवनति के लिए भी आतंकवाद को एक माध्यम के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकवाद का प्रसार इसी बात का उदाहरण है। पाक सेना आतंकवाद को युद्ध की एक नीति के रूप में प्रयुक्त करती है। कभी धर्म के नाम पर और कभी ऐसे ही किसी और बहाने से, भारत के विरुद्ध लोगों को भड़का कर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।
धार्मिक कट्टरपंथ
यद्यपि धर्म मानव के नैतिक विकास का माध्यम है, तथापि कभी-कभी निहित स्वार्थ इसे आतंकवादी तैयार करने के लिए भी प्रयुक्त करते हैं। तथाकथित इस्लामिक जेहाद की दुहाई देकर भोले-भाले धर्म-सहिषणु लोगों को आतंकवाद के रास्ते पर धकेल दिया जाता है।

समाधान -
समझने होंगे धर्म के सही मायने
जो धर्म इंसान के अनुकूल शिक्षा और वातारवरण नहीं दे स‍कता है उसे धर्म नहीं कहा जा है, धर्म कट्टरता का नाम नहीं होता है, धर्म तो श्रेष्टताओं का समुच्‍चय होता हैं, धर्म प्रगतिशीलता का वाहक  कहा जाता है, धर्म का उद्देश्‍य ही यही हैं कि मनुष्‍य को उसके विकास के चरम तक ले जाए, धर्म केवल माध्‍यम हैं लक्ष्‍य नहीं, धर्म का मतलब विवेकहीन, तर्कहीन मान्‍यताओं का कट्टरता के साथ अनुसरण करना नहीं हैं, धर्म में तो विवके को ही सर्वोपरि माना जाना चाहिए  विश्‍व में धर्म के प्रति बन चुकी कट्टर मान्‍यताओं के चंगुल से निकलना होगा, जिसका सबसे बडा जरिया श्रेष्‍ठ शिक्षा ही हो सकती है,
प्रततिशील शिक्षा की आवश्‍कता
आतंकवाद के सफाए के लिए सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में हमें ऐसे परिवर्तन करने होंगे, जिससे छात्रों का संपूर्ण मानसिक एवं नैतिक उत्थान हो सके। इस प्रकार, वे क्रोध और झुँझलाहट के वशीभूत होकर आतंकवादी नहीं बनेंगे। नैतिक विकास द्वारा वे सही तथा गलत के बीच का अंतर समजेंगे और सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। शिक्षा के प्रचार-प्रसार से सभी मनुष्यों में एक सही समझ पैदा होगी। इससे सीधे-सादे लोगों को बहका-फुसलाकर दहशत फैलाने लिए प्रेरित नहीं किया जा सकेगा।
इसके अलावा  हमें संसाधनों के न्यायपूर्ण एवं समान वितरण पर भी ध्यान देना होगा। समाज एवं प्रशासन का दायित्व है कि वह सनिश्चित करे कि जाति, धर्म, वर्ग अदि के आधार पर कभी किसी को अन्याय और अपमान नहीं  सहना पडे़गा। स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व की भावना के विकास से आतंकवाद का समूल नाश किया जा सकता है।

आशीष कुमार


हाथियारों से लैस अफगानिस्‍तान के अज्ञात स्‍थान पर खडे आतंकवादी

बुधवार, 4 अप्रैल 2012

पाकिस्तान या आंतकिस्तान

Pakistani terrorism 26/11
 जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों व पाकिस्तानी  आतंकवादियों के बीच पिछले एक सप्ताह से मुठभेड़ जारी है। नियंत्रण रेखा के नजदीक दो स्थानों पर चल रही मुठभेड़ में सेना के एक मेजर सहित आठ जवान शहीद हुए हैं, ......... जम्मू पुलिस ने सोमवार को होटल से पकड़े गए तीनों आतंकवादियों के बारे में एक बयान में कहा कि यह तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी  हैं, और गुलाम फरीद नाम का आतंकवादी तो पाकिस्तानी  फौज का जवान भी है. ये तीनों ही आत्मघाती हमले ...
आए दिन हमें ऐसी खबरों से दो चार होना पङता है, .... पाकिस्‍तान के मामले में अमेरिका भी कई आधिकारिक रूप से बयान जारी करके कह चुका है पाकिस्‍तान विश्‍व में आतंकवाद का प्रमुख केन्‍द्र हैं.... यह  विश्‍व आतंकवाद के लिए एक नर्सरी का काम कर रहा है ....
पेश है, भारत के संबंध में तथ्‍यपरक पहलूओं के साथ एक विशेष फीचर

पाक के प्रमुख आतंकी एवं उग्रवादी संगठन जो पाकिस्तान  में सक्रिय हैं
  • लश्क्र-ए-उमर
  • तहरीक-ए-नफज-ए.शरीयत-ए-मोहम्मदी
  • लश्ककर-ए-जांघवी
  • सिपह-ए-मुहम्मउद पाकिस्तायन (एसएमपी)
  • जमात-उल-फुकरा
  • नदीम कमांडो
  • मुस्लिम यूनाइटेड आर्मी
  • हरकत-उल-मुजाहीदीन अल-आलमी (हुमा)
अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सक्रिय पाक के आतंकी संगठन
  • हिज्बुल मुजाहीदीन (एचएम)- इसका मुख्यालय पका अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में स्थित है
  • लश्कनर-ए-तयैबा (एलईटी)- दक्षिण एशिया के सबसे बड़े और कुख्या‍त इस्लामिक आतंकवादी संगठनों में से एक।  पीओके में इसके कई ट्रेंनिंग कैंप चल रहे हैं। इस आतंकी संगठन ने भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। अल बदर- विभिन्न आतंकी संगठनों की सहायक की भूमिका निभाता है। इसकी स्थापना 1998 में हुई थी।
  • हरकत-उल-अंसार- (एचयूए)  वर्तमान में हरकत-उल-मुजाहीदीन नाम से कुख्यात
  • जैश-ए-मोहम्मसद मुजाहीदीन-ए-तमीम- इसने कश्मीर में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है। 
  • अल मुजाहिद फोर्स
  • मुस्लिम मुजाहीदीन
  • इस्लामिक स्टूडेंस लीग
  • तहरीक-ए-हर्रियत-ए-कश्मीर 
  • अल उमर मुजाहीदीन
  • जम्मू एंड कश्मीर स्टूडेंस लिबरेशन फ्रंट
  • अल जेहाद फोर्स
  • अल जेहाद
  • जम्मू एंड कश्मीर नेशनल लिबरेशन फ्रंड आर्मी
  • जमायत-उल-मुजाहीदीन (जेयूएम)
  • मुताहिदा जेहाद काउंसिल (एमजेसी)
  • हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लांमी (हूजी)
पाकिस्तान द्वारा भारत में दहशत
  • पाकिस्‍तानी आतंकवादियों द्वारा विभिन्न  आतंकी घाटनाओं में मारे गए भारतीयों की संख्याव करीब 29 हजार।
  • भारतीय सेना द्वारा भारतीय आतंकतियों से बरामद किए गए हथियारों की संख्याय 47 हजार। (2009 तक)
  • पाकिस्ता‍न में प्रशिक्षित आतंकवादियों से बरामद किए गए विस्फोगटकों की मात्रा 60 टन। (2009 तक)
  • जम्मू् एवं कश्मीर में सक्रिय हार्डकोर पा‍क आतंकवादियों की संख्या करीब  2300
  • जम्मू एवं कश्मीर में सक्रिय भाडे के विदेशी आतंकियों की संख्यां करीब 900
  • पाकिस्ता‍न में सक्रिय आतंकी शिविरों की संख्या  करीब 37
  • पीओके में आतंकी शिविरों की संख्यां करीब 49
  • जम्मू  एवं कश्मीकर में पाकिस्तादृनए पाक अधिकृत कश्मीर, अफगानिस्तान, मिश्र, सूडान, यमन, बहरीन, बांग्लादेश, ईरान और इराकी मूल के विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं।
Azhar Masood
पाकिस्तान में छुपे भारत के टॉप टेन मोस्‍ट वांटेड
मौलान मसूद अजहर
जैश.ए दृमोहम्मद का मुखिया। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले का मास्टर माइंड। 1 अक्टूबर 2001 को जम्मू एवं कश्मीर विधान सभा पर हमले के केस में भी वांछित। पाकिस्तान के बहावलपुर में रहता है और वहीं से अपनी गतिविधियां संचालित करता है। भारतीय एयर इंडिया के विमान का अपहरण करके अजहर मसूद को आतंकियों ने भारत से रिहा करा लिया।






 


Syed Salahuddin
सैयद सलाहुद्दीन
कश्मीर में सैकड़ों हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहीदीन का मुखिया। पाक अधिकृत कश्मीर  पीओके की राजधानी मुजफ्फाराबाद में रहता है और वहां से अपनी गतिविधियां संचालित करता है।






Hafiz Saeed

हाफिज मोहम्म सईद
लश्कर-ए-तय्यबा का सह-संस्थापक। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के केस में आरोपी। लाहौर के नजदीक स्थित मुरीदके में रहता है और वहीं से गतिविधियां संचालित करता है। 











Ibrahim Athar
इब्राहिम अतहर
मौलाना मसूद अजहर का करीबी सहयोगी। 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी.814 के अपहरणकर्ताओं में से एक। यह जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य है। हाईजैकिंग, अपहरण और हत्या के मामलों में वांछित। पाकिस्ताकन के बहावलपुर में रहता है। 











Zahoor mistry
जहूर इब्राहिम मिस्त्री
हरकत-उल-अंसार वर्तमान में हरकत-उल-मुजा‍हीदीन का सदस्य  1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी .814 के अपहरण और हत्या के मामलों में वांछित। कराची में रहता हैं और वहीं से आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है। 





अयूब मेनन
1993 के मुंबई धमाकों को अंजाम देने में अहम भूमिका। अपने भाई टाइगर मेमन को मुंबई धमाकों में मदद करने का आरोपी। आतंकवाद और स्मनगलिंग के केस में वांछित। कराची में रहता है और वहीं से अपनी गतिविधियां संचालित करता है।
Abdul Razooq
 अब्दुल रज्जाक
1993 के मुंबई हमलों का आरोपी। आतंकवाद और हथियारों की स्‍मनगलिंग में वांछित। कराची में रहता है। 








टाइगर मेनन

1993 के मुंबई धमाकों को अंजाम देने में सबसे मुख्य भूमिका। हत्या, वसूली, अपहरण, आतंकवाद और भारत में हथियारों व विस्फोटकों की स्मगलिंग के मामलों में वांछित। कराची में रहता है और वहीं से अपनी गतिविधियां चलता है। 

Dawood ibrahim
दाउद इब्राहिम
मुंबई अंडरवर्ल्ड  का सरगना। 1993 मंबई में सीरियल ब्लालस्ट  में प्रमुख भूमिका । इन धमाकों में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे। यह हथियारों की आपूर्ति ड्रग्‍स कारोबार से लेकर हत्या और स्मगलिंग के कई मामलों में वांछित है। कराची में रहता है। दुबई से अपनी गतविविधियां संचालित करता है। 




  


छोटा शकील
Chhota Shakil
दाउद इब्राहिम का सबसे करीबी सहयोगी। हत्या, अपहरण, वसूली, फिल्मो स्टारों से ब्लैबकमेलिंग के कई मामलों में वांछित। कराची में रहता है। 





सोमवार, 2 अप्रैल 2012

जीना हो तो .....

.हम बातें बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं
लेकिन जीना हो तो,
एक छोटी सी बात नहीं जी पाते हैं
हम दुनिया को खूब अनुभव करते हैं
लेकिन अपने जीवन में,
अनुभव के पल बहुत कम ही आते हैं
वह आदर्शों पर चलें ऐसी उम्मीद करते हैं
लेकिन खुद चलना हो तो,
                                                  सिद्धांतों पर पग डगमग डगमग करते हैं
                                                  सब सम्मान करें ऐसी अभिलाषा करते हैं
                                                  लेकिन बनना हो तो,
                                                  खुद दूसरों के प्रति उदार नहीं बन पाते हैं
                                                  हम देवताओं की कृपा खूब मांगा करते हैं
                                                  लेकिन खुद,
                                                  आचरण से देवता क्‍यों नहीं बना करते हैं
- आशीष कुमार 

शनिवार, 31 मार्च 2012

अज्ञात की यात्रा


मेरा जीवन अज्ञात पहेली, प्रश्‍नों की अविरल धारा सी
भाव, विचार, कर्मों की कडियां, स्वर्णिम धागा बंधन सी
संस्कार, पाप, पुण्य प्रवाह, जन्मों की गठरी बोझिल सी
रिश्‍ते- नाते, धन, प्रेम की दुनिया, मन मोहित दिव्य दृश्‍य सी

सरल जीवन को समझ न पाया, प्रकाशित सत्य को झुठलाया
अंतस के जंगल में भटका, संस्कारों के चुंगल से घबराया
सफलता-असफलता की कसौटी के फेर स्वयं को उलझाया
राजा सुरथ, समाधि वैश्‍य की कहानी को पुनः क्यों दोहराया?

कभी सफलता पर इतराता, कभी भाग्य पर इठलाता है
कभी रूप पर दंभ भरता है, कभी ताकत को दिखलाता है
कभी किसी का बैरी बनता, कभी हितैषी बन जाता है
कभी न समझ में मुझको आता, इसका सत्य स्वरूप क्या है?

हर पल जीवन अज्ञात पथिक सा आगे बढता जाता है
अगला क्षण न जाने तब भी आशा के दीप  जलाता है
समाधान की चाह में भयभीत हो साहसिक कदम उठाता है
जीवन सफल बनाने को पागल सा हो जुटा जाता है
अपने ही सूत्रों से अज्ञात की यात्रा को उलझाता जाता है
- आशीष कुमार

बुधवार, 4 मई 2011

मेरा क्या परिचय पूछ रहे, रचियता , रक्षक, पोषक हूँ

 साभार
मेरा  क्या  परिचय  पूछ  रहे,   रचियता , रक्षक,  पोषक हूँ l
मैं शून्य किन्तु फिर भी विराट,  मै आदि-त्राता, उद्घोषक हूँ ll


मैं एक किन्तु संकल्प किया, तो एकोSहं बहुस्याम हुआ l
... मैंने विस्तार किया  अपना,   ब्रम्हांड उसी का नाम हुआ ll
ये  चाँद  और  सूरज  मेरी,   आँखों  में  उगने   वाले   हैं  l
है  एक  आंख  में  स्नेह ,  और  दूजी  में प्रखर उजाले  है ll

मनचाही सृष्टि रचाने की,  क्षमता वाला मैं कौशिक हूँ |
मेरा क्या परिचय पूछ रहे, रचियता, रक्षक, पोषक  हूँ ll


जिसमे मणि-मुक्तक छिपे हुए , वह सागर  की  गहराई  हूँ l
जिसकी करुणा सुरसरि बनती,  उस हिमनग की ऊँचाई हूँ ll
मेरा  संगीत  छिड़ा  करता , कल-कल करते इन झरनों में l
मैं  सौरभ  बिखराता  रहता ,  इन  रं� �-बिरंगे  सुमनों  4�ें  ll

यह प्रकृति छठा मेरी ही है , इतना सुंदर मनमोहक हूँ l
मेरा क्या परिचय पूछ रहे, रचियता, रक्षक,  पोषक हूँ ll


मेरे चिंतन  की  धारा से,  ऋषिओं  का प्रादुर्भाव  हुआ l
मैंने जब ऋचा उचारी तो, सुरसंस्कृति का फैलाव हुआ ll
मैं याज्ञवल्क्य, मैं ही वशिष्ठ, मैं परशुराम, भागीरथ हूँ l
जो  कभी  अधूरा  रहा नहीं,  मैं ऐसा प्रबल मनोरथ हूँ ll

प्रण पूरा  करने महाकाल हूँ,  कालचक्र  अवरोधक  हूँ l
मेरा क्या परिचय पूछ रहे , रचियता, रक्षक पोषक हूँ ll


जन-हित में विष पीने वाली,  विषपाई मेरी क्षमता है l
जन पीढ़ा से विगलित होती, ऐसी करुणा है, ममता है ll
मैंने साधारण  वानर को , बजरंग  बना के खड़ा किया l
मेरी गीता ने अर्जुन को , अन्याय  मिटाने  अड़ा दिया ll

विकृतियों से लोहा लेने , सुसंस्कृति का सह्योजक हूँ l
मेरा क्या परिचय पूछ रहे , रचियता,रक्षक,पोषक हूँ ll


मैंने संकल्प किया   है  फिर , भू  पर ही स्वर्ग बसाऊंगा l
इस ही  धरती के   मानव को,    शोधूंगा,  देव बनाऊंगा  ll
लाऊंगा मैं उज्वल भविष्य, इसका साक्षी यह दिनकर है l
मेरे  संग  सविता  के  साधक , गायत्री  वाला परिकर है ll

मैं  युग-दृष्टा, युग-सृष्टा ,  युगपरिवर्तन  उद्घोषक  हूँ l
मेरा क्या परिचय पूछ रहे , रचियता,रक्षक,पोषक हूँ ll

                                                                                    
                                                                                          - श्रीराम शर्मा आचार्य

शनिवार, 30 अप्रैल 2011

अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का अंतिम पत्र

शहीद होने से एक दिन पूर्व रामप्रसाद बिस्मिल ने अपने एक मित्र को निम्न पत्र लिखा -

"19 तारीख को जो कुछ होगा मैं उसके लिए सहर्ष तैयार हूँ।
आत्मा अमर है जो मनुष्य की तरह वस्त्र धारण किया करती है।"

यदि देश के हित मरना पड़े, मुझको सहस्रो बार भी।
तो भी न मैं इस कष्ट को, निज ध्यान में लाऊं कभी।।

हे ईश ! भारतवर्ष में,    शतवार   मेरा  जन्म हो।
कारण सदा ही मृत्यु का, देशीय कारक कर्म हो।।

मरते हैं बिस्मिल, रोशन, लाहिड़ी, अशफाक अत्याचार से।
होंगे पैदा सैंकड़ों, उनके रूधिर की धार से।।
उनके प्रबल उद्योग से, उद्धार होगा देश का।
तब नाश होगा सर्वदा, दुख शोक के लव लेश का।।

सब से मेरा नमस्कार कहिए,

तुम्हारा
बिस्मिल"